Chaitra Navratri Kab Se Hain:
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Navratri 2020 Special |
आज हम माता रानी के सभी भक्तों के लिए यह लेख लाए हैं जिसमें बताएंगे कि नवरात्री के नौ दिन आप किस रंग के वस्त्र पहनकर खुश कर सकते हैं। साथ ही यह जानकारी भी देंगे कि नौ दिन तक आप किस किस वस्तु का भोग लगाकर देवी माँ को प्रसन्न कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
💥नवरात्री से जुड़ी कुछ ज़रूरी जानकारी:
- नवरात्री अवधि: 25 मार्च, 2020 से 02 अप्रैल, 2020
- कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त: 06:00 - 06:57 (प्रातःकाल)
- प्रतिपदा प्रारंभ: दोपहर 2:57 (24 मार्च, 2020)
- प्रतिपदा समाप्त: शाम 5:26 (25 मार्च, 2020) से 02 अप्रैल, 2020
1. देवी शैलपुत्री:
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को हम माता शैलपुत्री के दिन के रूप में मनाते हैं। यह देवी प्रकृति का प्रतीक हैं। इनकी पूजा का मंत्र है "या देवी सर्वभूतेषु प्रकृति रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।" इस दिन भक्तों को पीले रंग के वस्त्र पहनकर माता की पूजा करनी चाहिए। पहले दिन गाय के घी से भोग लगाएं।
2. देवी ब्रह्मचारिणी:
नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी का पूजन किया जाता है जो सृष्टि का प्रतीक हैं और इनकी पूजा का मंत्र है "या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।" इस दिन हरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए। शक्कर के भोग से माँ को प्रसन्न करें।
3. देवी चंद्रघंटा:
तीसरे दिन मां चंद्रघंटा का पूजन करते हैं जिनकी पूजा आप इस मंत्र से कर सकते हैं "ओम चंद्रघंटाय देवी नमो नमः।" इस दिन स्लेटी या ग्रे रंग के कपड़े पहनने चाहिए। इस दिन माता रानी को प्रसाद रूप में दूध का भोग लगाकर उसे किसी ज़रूरतमंद को दान दें।
4. देवी कूष्मांडा:
माता रानी का चौथा रूप कूष्मांडा देवी का ऐसा मानते हैं की इनकी मुस्कुराहट से ही विश्व में उजाला हुआ था। इनका मनपसंद रंग नारंगी होने के कारण इस दिन नारंगी रंग के कपड़े पहन कर पूजा करेंगे तो माता की कृपा होगी। इनकी पूजा का मंत्र है "या देवी सर्वभूतेषु तुष्टि रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।" चौथे दिन आप मालपुए का भोग लगाएं।
5. देवी स्कंदमाता:
देवी का यह स्वरूप कार्तिकेय की माता का है, इसीलिए ने स्कंदमाता कहा जाता है। श्रद्धा और वात्सल्य की प्रतिमूर्ति इन देवी की उपासना के समय आप सफेद रंग के वस्त्र पहनें। इनकी पूजा का मंत्र है "या देवी सर्वभूतेषु मातृ रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।" पांचवे दिन माँ को फल अर्पित करें, विशेष तौर पर केले।
6. देवी कात्यायनी:
नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए और माता को लाल रंग के पुष्प भी अर्पित करने चाहिए। जीवन में मिठास घुल जाए इस प्रार्थना के साथ माँ कात्यायनी को शहद का भोग लगाएं। इन देवी का मंत्र है "या देवी सर्वभूतेषु स्मृति रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।"
7. देवी कालरात्रि:
नवदुर्गा में सातवां रूप है मां कालरात्रि का जो शत्रुओं को भय प्रदान करने वाली और भक्तों को अभय दान देने वाली हैं। इनकी पूजा के दिन आप नीले रंग के वस्त्र पहनें। इन देवी को गुड़ की वस्तुओं का भोग लगाएं। इनकी पूजा का मंत्र है "ॐ एं हीं क्लीं चामुंडाय विच्चे।"
8. देवी महागौरी:
नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी को पूजा जाता है जो सौभाग्य और स्त्रीत्व का प्रतीक हैं। इस दिन के लिए जो रंग निश्चित किया गया है, वह है गुलाबी। गुलाबी रंग के कपड़े पहन कर मां की पूजा करने से आपके सभी बिगड़े काम जल्द ही बन जाएंगे।
माता की पूजा का मंत्र है - "सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्द्ध साधिके, शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।" इस दिन विशेष रूप से माता को नारियल अर्पित करें।
माता की पूजा का मंत्र है - "सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्द्ध साधिके, शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।" इस दिन विशेष रूप से माता को नारियल अर्पित करें।
9. देवी सिद्धिदात्री:
नवरात्रि के अंतिम दिन माता के नौवें स्वरूप की पूजा की जाती है, जो है मां सिद्धिदात्री। सिद्धिदात्री देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आप इस दिन बैंगनी रंग के वस्त्र पहनें और हलवा - पूड़ी, या खीर का प्रसाद चढ़ाएं।
पूजा के लिए इस मंत्र का जाप करें "या देवी सर्वभूतेषु सिद्धि रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।" इस दिन कन्या पूजन और कन्या भोज के बाद ही माता रानी की पूजा पूर्ण होती है।
पूजा के लिए इस मंत्र का जाप करें "या देवी सर्वभूतेषु सिद्धि रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।" इस दिन कन्या पूजन और कन्या भोज के बाद ही माता रानी की पूजा पूर्ण होती है।
अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आपका ,सहृदय धन्यवाद !!!
💬 सहयोग: अनविता कुमारी
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