Home Top Ad

Holi 2020 Special: जानें होली की पौराणिक कथा, बरतें ये सावधानियाँ

Share:

Holi Kyon Manate Hain?

वेदी पर बैठने पर भी प्रह्लाद भगवान विष्णु की भक्ति में ही लीन रहा और फिर अग्नि प्रज्वलित की गई।
Holi 2020 Special
भारत को त्योहारों के देश के रूप में जाना जाता है क्योंकि लगभग हर महीने कोई न कोई पर्व या उत्सव यहाँ मनाया जाता है। इनमें होली एक प्रमुख त्यौहार है जिसे हम "रंगों का पर्व" भी कहते हैं। होली के रंग हमारे मन से सारे गिले -शिकवे मिटाकर खुशियां भर देते हैं। आइए जानते हैं कि यह त्यौहार क्यों और कैसे मनाया जाता है।

💥होली का इतिहास और कथा (History and Story of Holi):

हालाँकि हर त्यौहार या उत्सव मनाने का उद्देश्य खुशियां और प्यार बाँटना होता है, बुराई पर अच्छाई की जीत दिखाना है। लेकिन किसी भी त्यौहार को मनाने के पीछे कोई विशेष कारण होता है। होली मनाने के पीछे भी एक पौराणिक कथा है जो आज हम आपको सुनाएंगे।

दैत्यों का एक राजा था जिसका नाम हिरण्याकश्यप था। उसको अपनी शक्ति का बड़ा घमंड था और वह देवताओं से घृणा करता था। लेकिन जैसे कीचड़ में कमल खिलता है, उसी प्रकार इस असुर के घर एक बालक ने जन्म लिया जो भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था।

इस बालक का नाम था प्रह्लाद। अपने पुत्र को भगवान की ऐसी भक्ति करते देख हिरण्यकश्यप को अच्छा नहीं लगता था। वह उसे कई बार समझा चुका था लेकिन प्रह्लाद विष्णु जी की भक्ति में ही लीन रहता था। इसीलिए हिरण्यकश्यप परेशान हो गया और उसने एक योजना बनाई।

उसने अपनी बहन होलिका को बुलाया और उससे प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि की वेदी पर बैठने के लिए कहा। हिरण्याकश्यप ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि होलिका को ऐसा वरदान प्राप्त था कि आग भी उसे नहीं जला सकती। अब योजना के अनुसार प्रह्लाद को अपनी बुआ के साथ वेदी पर बैठाया गया।

वेदी पर बैठने पर भी प्रह्लाद भगवान विष्णु की भक्ति में ही लीन रहा और फिर अग्नि प्रज्वलित की गई। अब धीरे-धीरे होलिका जलने लगी लेकिन प्रह्लाद सुरक्षित रहा। इसके बाद आकाशवाणी हुई के द्वारा होलिका को याद दिलाया गया कि यदि उसने अपने वरदान का दुरुपयोग किया तो वह खुद जलकर राख हो जाएगी।

इसीलिए ऐसा ही हुआ कि होलिका अग्नि में जलकर भस्म हो गई परंतु प्रह्लाद का यह आग कुछ नहीं बिगाड़ पाई और वह सुरक्षित वापस लौट आया। उस दिन प्रजा ने खुशियां मनाई और प्रह्लाद का वापस स्वागत किया।

उस दिन से आज तक हम सब इस दिन को होलिका दहन के नाम से मनाते हैं जिसमें हम होली जलाकर उसे बुराइयों का अंत का प्रतीक मानते हैं।

अगले दिन एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर, मिठाइयां खिलाकर और उपहार देकर सभी अपने हर्ष उल्लास एवं खुशी का इज़हार करते हैं।

💥कैसे मनाते हैं होली (How to Celebrate Holi):

वैसे तो होली का यह रंग बिरंगा त्यौहार पूरे भारतवर्ष में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है लेकिन उत्तर भारत में इसे लेकर कुछ ज्यादा ही उत्साह देखने को मिलता है।

होली को लेकर कई अनोखी अनोखी परंपराएं भी प्रचलित हैं जैसे वृंदावन बरसाने की फूलों की होली, ब्रज में लठमार होली जिसमें जब पुरुष महिलाओं पर रंग डालते हैं तो महिलाएं उन्हें लाठी से मारती हैं।

यह एक बहु प्रचलित प्रथा है जिसे देखने दूर-दूर से लोग यहां ब्रज में आते हैं। उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों में ,मध्य भारत एवं महाराष्ट्र में लोग समूह में एक दूसरे के रंग लगाने जाते हैं और मिठाइयां खाते हैं। इस दिन नाच- गाने का भी विशेष आयोजन किया जाता है ₹।

फाल्गुन महोत्सव के नाम से प्रसिद्ध होली का मुख्य व्यंजन है गुजिया जिस की मिठास हमारे जीवन में भी मिठास घोल देती है।


💥होली में बरतें सावधानी (Precautions for Holi):

होली का त्यौहार रंगो और खुशियों का त्योहार है लेकिन इसके साथ हमें अपने स्वास्थ्य, सेहत और सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहि इसीलिए आज हम आपको होली से जुड़ी कुछ सावधानियां बरतने के लिए बताने जा रहे हैं।

1. आजकल रंगों में मिलावट आने लगी है जिससे आपकी त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है, इसीलिए हर्बल कलर्स का प्रयोग करें या फिर सूखे गुलाल ही लगाएं।

2. रंगों में केमिकल मिले होने से ये आंखों और बालों के लिए भी खतरा पैदा कर सकते हैं, इसलिए ऐसे रंग ना लें।

3. घर में ही स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करें क्योंकि इस त्यौहार पर बाहर की वस्तुओं में बुरी तरह से मिलावट होने लगती है।

4. भांग का चलन बहुत होता है इसलिए कोई भी वस्तु खाने से पहले ध्यान रखें।

5. जबरदस्ती किसी को रंग न लगाएं। कोई मना कर रहा है तो रंग ना लगाएं क्योंकि ऐसे लड़ाई झगड़े की संभावना होती है।

हमारी तरफ से होली की शुभकामनाएं! हैप्पी होली एंड सेफ होली!!

अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आपका ,सहृदय धन्यवाद !!!

💬 सहयोग: अनविता कुमारी 

नोट:  प्रिय पाठकों, आपसे विनम्र निवेदन है यदि आपको इस लेख में कही भी , कोई भी त्रुटि नजर आती है या आप कुछ सुझाव देना चाहते है, तो कृपया नीचे दिए गए टिप्पणी स्थान ( Comment Box) में अपने विचार व्यक्त कर सकते है, हम अतिशीघ्र उस पर उचित कदम उठायेंगे । 

कोई टिप्पणी नहीं

Please do not enter any spam Link in the comment box. If you have any queries, Let me know!