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Ramadan 2020 Mubarak: रूह की पाकीजगी का पैगाम देता है, रमजान

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Ramadan Special:

रूह की पाकीजगी का पैगाम देता है, रमजान
Ramadan 2020

इस्लाम में रमजान के महीने को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। ये इस्लामिक कैलेंडर का 9वां महीना होता है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मुस्लिमों की धार्मिक किताब ‘कुरान शरीफ’ को जमीन पर उतारा गया था। इसलिए इस महीने में मुस्लिम 30 दिन का रोजा यानी उपवास करते हैं। 

रोजा रखना हर बालिग मुस्लिम पर फर्ज माना जाता है। हालांकि कुछ सूरतों मे इस पर छूट भी है मसलन अगर कोई औरत गर्भवती है, या कोई व्यक्ति बीमार है रोजा नहीं रख सकता तो वो अपनी हैसियत के अनुसार जकात दे सकता है।  

इस महीने में कुरान शरीफ पढ़ने पर जोर दिया जाता है। कुरान शरीफ पढ़ने की सलाह इसलिए दी जाती है ताकि मुस्लिम कुरान की बातों को अपने अमल में ले आएं और हर तरह की बुराइयों से तौबा करें। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने में जन्नत के दरवाजे खुले रहते हैं और शैतान को कैद में रखा जाता है। इस महीने में रोजा रख कर खुद पर काबू रखने की कवायद की जाती है। 

💥रमजान की टर्मिनॉलॉजी:

सहरी:
रोजे रखने की शुरूआत सुबह सूरज से निकलने से पहले सहरी करके की जाती है। दिनभर के रोजे के लिए सुबह के जो भी खाते हैं उसे सहरी के नाम से जाना जाता है।

इफ्तार:
देश की सियासत में जो भी चल रहा हो पर इससे हमारे भारतीय होने की पहचान कभी धूमिल नहीं हुई हालांकि कोशिशें हमेशा होती रही हैं, आपने भी रमजान में अपने किसी मुस्लिम दोस्त के यहां इफ्तार में शिरकत जरूर की होगी। 



दिन भर रोजे रखने के बाद सूरज डूबने के बाद मुस्लिम खाने के रूप में जो भी खाते हैं, उसे इफ्तार कहा जाता है। इफ्तार में मुस्लिमों के यहां तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। वहीं कहीं-कहीं इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जाता है, जिसमें दोस्तों और पड़ोसियों को शामिल किया जाता है।

जकात:
इस महीने में मुस्लिम खुले हाथों से जकात यानी दान आदि भी करते हैं। इस महीने में जकात को भी फर्ज माना गया है। माना जाता है कि जिसकी आर्थिक स्थिति अच्छी है उन्हें खुद से नीचे तबके को जकात देना होता है। ये जकात खाना, पैसों, और कपड़ों के रूप में दिया जाता है। 

तरावीह:
इस महीने में मुस्लिम मस्जिदों में नमाज अदा करते हैं। इस महीने में पूरे महीने मुस्लिम एक खास तरह की नमाज अदा करते हैं, जिसे तरावीह कहा जाता है। ये नमाज सामूहिक रूप से अदा की जाती है।

💥हर गुनाह से तौबा करने का नाम है, रोजा:  

रोजा रखने का मतबल महज खाना छोड़ना नहीं होता है बल्कि हर गलत चीजों से दूर रहना होता है जैसे रोजे के दौरान झूट से बचने को कहा गया है, मुंह से अपशब्द नहीं निकालने होते, गुस्से से बचने के साथ ही हर गलत काम से बचने को कहा जाता है। इसलिए इस्लाम में ये माना जाता है कि रोजा रखने से इंसान की रूह पाक होती है।

💨तीन अशरों में बंटा होता है, रमजान:

इस्लामिक मान्याताओं के अनुसार, रमजान के महीने को तीन अशरा यानी अवधि में बांटा गया है। 


पहला अशरा:
रमजान का पहला पहले रोजे से लेकर दसवें रोजे तक होता है। ये माना जाता है कि इन दस दिनों में अल्लाह की रहमत होती है। इन दस दिनों में ज्यादा से ज्यादा जकात देने पर जोर दिया जाता है।

दूसरा अशरा:
रमजान का दूसरा 11वें रोजे से 20 रोजों तक होता है। इस अवधि को माफी या मगफिरत की अवधि माना जाता है। कहा जाता है इस दस दिनों में अल्लाह की तरफ से माफी के दरवाजे खोल दिए जाते हैं यानी जो भी इस दौरान जो भी अपनी गलतियों की माफी मांगेगा, उसे माफी मिल जाएगी। इस अवधि में मुस्लिम नमाज और इबादतों से अल्लाह से अपनी गुनाहों की माफी मांगते हैं।

तीसरा अशरा:
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, मौत के बाद भी जिंदगी का होना माना जाता है। माना जाता है कि मौत के बाद से सभी इंसान को उसके काम के अनुसार जन्नत या जहन्नम में डाला जाएगा। 21वें रोजे से 30वें तक की अवधि को तीसरा अशरा माना जाता है। इस अवधि में जहन्नम से बचने की दुआ की जाती है। 

इन तीन अशरों या 30 रोजों के खत्म होने के बाद ईद मनाई जाती है, जिसे मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है। 

💥इस रमजान घरों में ही करें, इबादत:

अभी पूरी दुनिया महामारी से जूझ रही है, ऐसे में घरों में रहकर ही इबादत करना समझदारी है। इस रमजान जकात देने में किसी तरह की कमी न करें। बल्कि कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा जकात आप बांटें। आपके आसपास जितने भी जरूरतमंद और गरीब लोग हैं, उनकी सबकी मदद करने की कोशिश करें। 

अगर रमजान में आप शॉपिंग करते हैं तो इस बार आपका यह शौक पूरा नहीं हो पाएगा, सो जितना हो सके इस रमजान को सादगी से मनाने की कोशिश करें, जो शायद सही अर्थों में रमजान में इबादतों की अदायगी मानी जाएगी। 

अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आपका ,सहृदय धन्यवाद !!!

💬 सहयोग: नबीला शागुफ़ी 

नोट:  प्रिय पाठकों, आपसे विनम्र निवेदन है यदि आपको इस लेख में कही भी , कोई भी त्रुटि नजर आती है या आप कुछ सुझाव देना चाहते है, तो कृपया नीचे दिए गए टिप्पणी स्थान ( Comment Box) में अपने विचार व्यक्त कर सकते है, हम अतिशीघ्र उस पर उचित कदम उठायेंगे । 

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