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The Importance of a Father: पिता, जो सब सहकर भी कुछ नहीं कहता !

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What is a True Father?:

The Importance of a Father
My Dear Father



नसीब वाले होते हैं जिनके सर पर पिता का हाथ होता है।, जिद्द पूरी होती है, अगर पिता साथ होता है।।


भारतीय संस्कृति में माता-पिता को ईश्वर का स्थान दिया गया है। माता जीवन देती है और पिताजी जीने का नजरिया । जहां एक आदमी के जीवन में पिता बनना सबसे बड़ी खुशी की बात होती है, वही आती है पिता होने की जिम्मेदारियां।कहते हैं ना
जिस पेड़ की जड़े कमजोर हो उस पेड़ का भविष्य खतरे में होता है। 

उसी प्रकार परिवार में पिता की भूमिका भी उसी जड़ के समान होती है जो समय-समय पर पेड़ को आहार प्रदान करता है और फल के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

💥क्या पिता होना आसान है?

अपने लिए दो वक्त की रोटी हर कोई कमा सकता है। परंतु किसी दूसरे व्यक्ति की जरूरतों को बिना किसी स्वार्थ के खुशी-खुशी पूरा करना पिता का प्यार होता है। पिता होना कोई आसान बात नहीं। परिवार की स्थापना से लेकर परिवार को आगे बढ़ाने में पिता की भूमिका निराली होती है। कभी उतार-चढ़ाव आते हैं जिंदगी में तो कभी नई अच्छी अच्छी यादें बनती है।

काम से थक हार कर जब पिता घर आता है तो अपने बच्चे की किलकारी सुनकर वह अपनी सारी थकान भूल जाता है। अपने रोते हुए बच्चे के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए कभी बंदर तो कभी जोकर बन कर उसे हसाता है।बच्चे खिलौने की जिद करे तो समय आने पर अपनी घड़ी बेचकर वह गुड़िया भी तो लाता है, कभी मां की डांट से बचाता है तो कभी खुद फटकार लगाता है और समय-समय पर जीवन का सार भी तो सिखाता है।



बच्चे को मेहनत करता देख वह पिता खुद को दुनिया का राजा समझता है, और जब वही बच्चे कुछ गलत काम करते हैं तो खुद को सबसे बड़ा अभागा भी वही मानता है।

बच्चे सपना देखते हैं तो पिता उनके सपनों को पूरा करने में लग जाता है और दिन-रात का भेद भुलाकर सिर्फ उनके सपनों को पूरा करने में जुट जाता है। अगर बच्चा अफसर बनता है तो वही पिता छाती 2 इंची ज्यादा फुला कर चलता है और दुनिया को बताता है पर वही बच्चा जब चोर बनता है तो पिता अंदर ही अंदर घुट कर मर जाता है।

एक पिता के लिए सबसे बड़ा दिन होता है उसकी संतान की शादी जहां वह बिना सोच समझकर 1000 - 1000 के नोट उड़ाता है फिर धीरे-धीरे अपने परिवार को बढ़ता देख एक दिन शांति से वह इस दुनिया को छोड़ कर चला जाता है।

मनुष्य जाति में ही नहीं अन्य जीव-जंतुओं में भी पिता त्याग की मूरत होती है। एक बार दो हिरण थे, एक पिता था और एक संतान दोनों ही घास चर रहे थे, तभी एक शेर शिकार के लिए आता है और दोनों अपनी जान बचाने के लिए भागने लगते हैं अंत में पिता मारा जाता है ,पिता इसलिए मारा जाता है क्योंकि उसे पता था किसी एक को तो इस दुनिया से आज जाना ही होगा तो वह अपनी गति धीमी कर देता है।कई बार बच्चों की जान बचाने के लिए पिता को जीवन का भी त्याग करना पड़ जाता है।

कई बार बच्चे अपने पिताओं की आपस में तुलना करते हैं। किसी को अपने पिता के मजदूर होने से आपत्ति होती है तो किसी को अपने पिता के घंटों काम करने से ।अगर मजदूरी करने से परिवार का पेट पालने वाला पिता शारीरिक तनाव में रहता है तो दूसरी और घंटों ऑफिस में काम करने वाला पिता मानसिक तनाव में रहता है। परंतु एक आह! की आवाज भी नहीं करता।



पतंग बनकर आसमान की ऊंचाइयों को छूने का सपना हम देखते हैं, और उस पतंग की डोर बनकर ऊंचाई तक पिता हमें पहुंचाते हैं। कांटो से भरे रास्ते को फूलों की सेज जैसा सजा के पिता कामयाबी की नई राह बनाते हैं। वह सहते सब हैं परंतु कुछ कह नहीं पाते। पिता वह होता है जो बच्चे की लड़ाई होने पर उसका गुंडा दोस्त बनकर भी जाता है और गलती होने पर उनकी डंडे से मार भी लगाता है।

कई बार हमें सही राह दिखाने के लिए पिता दिल पर पत्थर रखकर खुद से दूर भी रखते हैं। कभी यह मत सोचना कि उन्होंने तुम्हें भुला दिया या वह तुमसे प्यार नहीं करते। बस उनको जताना नहीं आता । पिता अपनी परेशानी व्यक्त नहीं करते परंतु इसका मतलब यह नहीं कि वह परेशान नहीं होते। 

आंसू उनकी आंखों में भी होते हैं, बस यही सोचकर नहीं गिरते कि बाकी सब का साहस न टूट जाए। बच्चों के दो कड़वे बोल पिता का दिल तोड़ भी देते हैं और बिना किसी मतलब के गले मिलने से जमाने भर की खुशियां भी दे देते हैं।

आज जमाना आधुनिक हो गया है पर उन्होंने हमें पीछे नहीं होने दिया। हम 10 साल आगे बढ़ गए हैं और उनका समय वहीं रुक गया। क्या हुआ? अगर उनको अंग्रेजी बोलनी नहीं आती पर हमें इस काबिल तो बनाया कि हम अंग्रेजी बोल सकते हैं। कोई बात नहीं अगर उनको बड़ा फोन नहीं चलाना आता पर हमें नया फोन तो दिला दिया।

अब हम कुछ करके दिखाएंगे, अपने पिता को पढ़ना भी सिखाएंगे और फोन चलाना भी सिखाएंगे। जब उनका संसार हम से बनता है, तो अब हम भी दोस्तों से थोड़ा समय लेकर उनके संसार को खुशहाल बनाएंगे। दो कदम उन्होंने हमारी तरफ बढायें हैं तो कम से कम एक कदम हम भी उनकी तरफ बढ़ाएंगे।

अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आपका ,सहृदय धन्यवाद !!!

💬 सहयोग: हृतिक काला 

नोट:  प्रिय पाठकों, आपसे विनम्र निवेदन है यदि आपको इस लेख में कही भी , कोई भी त्रुटि नजर आती है या आप कुछ सुझाव देना चाहते है, तो कृपया नीचे दिए गए टिप्पणी स्थान ( Comment Box) में अपने विचार व्यक्त कर सकते है, हम अतिशीघ्र उस पर उचित कदम उठायेंगे । 

17 टिप्‍पणियां:

  1. Seriously nice thoughts bro... Keep it up

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  2. You have written such a thoughtful essay.Keep up the good work

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  3. Shayad sb maa ke dukh ko to smjh leta hai lekin baap ki khali jeB pr kam log hi dhyAn dete hai . A great writing is given here

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  4. Pita ke mahatv ko bahut hi ache se bataya hai. Sabhi points relatable hai pita se.

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  5. its really appriciable ur way of thinking in any topic are good.....well done ....

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  6. Awesome article 😍😍😍😍sahi me papa k pyaar ko koi maat nhi de skta ❤

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  7. Too great father is like ocean 😊😊😊😊😊

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  8. 2nd last line me badhaaye hoga padhyaaye nahi. Acha likha hai. Aur gehra soch or unique likh kucch
    Keep it up

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  9. Yes....my father is my the one only idle person

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  10. There were some moments that made me smile,some other that brimmed my eyes with tears.How well you have given words to your emotions ! Powerful words, truly comendable and kudos for the great work .

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