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True Relationship Poem: बस तुम एक बार हाँ कह दो।

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Classic Love Poems:

True Relationship Poem
True Relationship
सुनो, सुन रहे हो ना तुम? जानती हूं मैं कि डरे हुए हो अपने अतीत से, मुझे एक बार अपनी तुम्हारी बात सुनने का मौका दे दो। बस तुम एक बार हां कह दो। सुनो, सुन रहे हो ना तुम? वो जो मेरी कॉफी में काम मिठास मुझे नहीं पसन्द, बस बो तुम एक घूंट लेकर वापस दे दो। बस तुम एक बार हां कह दो। सुनो सुन रहे हो ना तुम? वो मेरे गालों के गुलाबी रंग जैसी कुर्ती में तुझे, पसंद आई थी ना मैं? तो सामने आकर तुम, बस तुम एक बार हां कह दो। सुनो, सुन रहे हो ना तुम? वो जो तुम मेरी कल्पनाओं में हो, मैं रोज़ मेरी उन कपोल - कल्पनाओं को हकीकत में देखना चाहती हूं, बशर्ते तुम ना कह दो, पर फिर भी बस तुम एक बार हां के दो। सुनो, सुन रहे हो ना तुम? तू मेरे लिए लिखने की सामग्री से ज़्यादा कुछ भी नहीं, ये बात तेरे ज़हन में रखते हुए भी, तेरे ना चाहते हुए भी, बस तुम एक बार हां कह दो। सुनो, सुन रहे हो ना तुम? बस तुम एक बार, बस! एक बार हां कह दो।

अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आपका ,सहृदय धन्यवाद !!!

💬 सहयोग:
ज्योति प्रजापति

नोट:
प्रिय पाठकों, आपसे विनम्र निवेदन है यदि आपको इस लेख में कही भी , कोई भी त्रुटि नजर आती है या आप कुछ सुझाव देना चाहते है, तो कृपया नीचे दिए गए टिप्पणी स्थान ( Comment Box) में अपने विचार व्यक्त कर सकते है, हम अतिशीघ्र उस पर उचित कदम उठायेंगे ।


19 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर पन्क्तियाँ

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  2. Very nice ❣️ ....schii lekhak ki kalam kyame jadoo hai ...mujhe us waqt me le gayi ye kaveeta yaad dila diya ...💝💖😍👌👌👌👏👏👏👏

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  3. तुम एक बार हन की दो। गजब poem

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