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World Heritage Day 2020: मानव धरोहर को बचाने की ऑनलाइन मुहिम

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What does World Heritage Day mean?

मानव धरोहर को बचाने की ऑनलाइन मुहिम
World Heritage Day Special

दुनिया भर में 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य पूरी दुनिया के सांस्कृतिक विरासतों, स्मारकों और स्थलों की विविधता और प्रांसगिकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। 

हमारे पाठक भी हमारे लिए अनमोल धरोहर की तरह हैं इसलिए हमने भी अपने पाठकों के बीच जागरूकता बढ़ाने की जिम्मेदारी ले रखी है। तो इस विश्व धरोहर दिवस पर हम आपको इस दिन की महत्ता और इस साल इसके आयोजन में क्या खास होना वाला है इसके बारे में बताने वाले हैं। 

💥वर्ल्ड हेरिटेज डे का इतिहास (History of World Heritage):

इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मोनूमेंट्स एंड साइट्स ने 1982 में ट्यूनीशिया में आयोजित एक मीटिंग के दौरान 18 अप्रैल को हर साल विश्व धरोहर दिवस मनाने की घोषणा की थी जिसे इस समिति के सदस्यों का समर्थन मिला। 1983 में नवंबर में यूनेस्को के सम्मेलन में हर साल इस 18 अप्रैल को विश्व धरोहर के दिवस के रूप में मनाने के प्रस्ताव को पारित कर दिया गया। तबसे ये दिवस मनाया जाता है। 

जैसे डीडीएलजे में शाहरूख खान सोचते हैं कि किसी लड़की के बाल अच्छे हैं तो किसी की आंखें अच्छी हैं ऐसे में कोई किसी एक लड़की को कैसे पसंद कर सकता है? ठीक इसी तरह हर धरोहर अलग-अलग खासियत लिए होते हैं ऐसे में यूनेस्को के लिए चुनाव करना बेहद मुश्किल होता होगा। 



दुनिया भर में तो इतने सारे स्थल हैं फिर इनमें से कौन सी ऐसी जगहें हैं जो धरोहर के रूप में मानी जाती हैं ? तो विश्व धरोहर में आधिकारिक रूप से वे स्थल शामिल किए जाते हैं जिसका भौतिक और सांस्कृतिक महत्त्व होता है जिसके बारे में ये माना जाता है कि ये स्थल मानवता के लिए जरूरी है।

इन स्थलों का चुनाव दो संगठनों के द्वारा किया जाता है इन संस्था का नाम है अंतर्राष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल परिषद और विश्व संरक्षण संघ के द्वारा आकलन किया जाता है। इस की साल भर में एक मीटिंग होती है और इस पर चर्चा की जाती है कि किस स्थल को शामिल किया जाना है या नहीं। 

विश्व विरासत स्थल समिति चयनित खास स्थलों जैसे- वन-क्षेत्र, पर्वत, झील, रेगिस्तान, स्मारक या भवन या शहर इत्यादि की संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को की देख-रेख में ही किया जाता है।

💥खतरे की लाइन पर खड़े धरोहर:

इस संस्था का काम केवल स्थलों का धरोहर की सूची में नामित करना नहीं होता बल्कि इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि कौन सा धरोहर खतरे की स्थिति में है और किसे संरक्षण की जरूरत है और इसके अनुसार उस की देख-रेख में कदम उठाए जाते हैं। यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी ने लगभग 44 स्थलों को खतरे की सूची में रखा है। 

इनमें से कुछ प्रमुख नाम हैं, अफगनिस्तान की बामियना वैली, इजिप्ट का अबु मेना, यरूशलम शहर और दीवार, डॉमेस्टिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और कई देशों के नेशनल पार्क और भी कई संरक्षित स्थान शामिल हैं।



यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी का समय समय पर दुनिया भर के धरोहरों का आकलन किया जाता है और नये स्थलों को भी शामिल किया जाता है। 


💥विश्व धरोहरों में भारत की रैंकिंग:

दुनिया भर में लगभग 1090 विश्व धरोहर शामिल हैं। इनमें सांस्कृतिक, प्राकृतिक और मिश्रित भी हैं। इन 1052 धरोहरों में से लगभग 35 भारत के हैं। विश्व धरोहरों का मालिक होने में भारत 6ठें नंबर पर है। जबकि इटली पहले, चीन दूसरे, और स्पेन तीसरे नंबर पर हैं। 

भारत के विश्व धरोहरों में शामिल जगहों में आगरा का किला, ताजमहल, एलिफेंटा और एलोरा की गुफाएं, खजुराहो में स्मारकों का समूह, कुतुबमीनार, जयपुर का जंतर-मंतर, कोर्णाक मंदिर, कांजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान आदि शामिल हैं। 

💥थीम बेस्ड होता है वर्ल्ड हेरिटेज डे का सेलिब्रेशन:

बता दें कि हर साल इस दिवस को मनाने के लिए अलग-अलग थीम का चुनाव किया जाता है पिछले साल की बात करें तो पिछले साल इस दिवस का थीम था, ‘ग्रामीण परिदृश्य’ यानी ‘रूरल लैंडस्केप’। ग्रामीण परिद्श्यों को लेकर इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मोनूमेंट्स एंड साइट्स के द्वारा मोरक्को में एक मीटिंग का आयोजन किया गया था और साल 2020 के लिए थीम साझी संस्कृति, साझी विरासत, साझी जिम्मेदारी है।


💥2020 और वर्ल्ड हेरिटेज डे:

 अब जब आपने ये जान लिया है कि हर साल इस वर्ल्ड हेरिटेज डे का आयोजन किया जाता है तो  ये सवाल आपके दिमाग में आए होंगे कि इस साल तो एक वायरस की वजह से चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है तो इस साल इसका आयोजन कैसे होगा? 

विश्वव्यापी महामारी कोरोना वायरस की वजह से इस साल संस्था ने गुजारिश की है कि इस साल इस दिवस को मनाने के लिए इंटरनेट का सहारा लिया जाए। इस दौरान, ऑनलाइन लेक्चर्स, वर्चुअल कांफ्रेंस, प्रेस रिलीज और सोशल मीडिया कैंपेन चलाए जाएं। 

अगर आपको भी धरोहरों से प्यार है और इस दिवस का इंतजार आपको भी रहता है तो इस साल आप कहीं घूमने तो नहीं जा सकते पर सोशल मीडिया के जरिए अपनी पुरानी तस्वीरें जो इन धरोहरों के साथ ली गईं हैं पोस्ट कर सकते हैं। 

इसके साथ आप हैशटैग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। और अगर आप भी इस मुहिम से जुड़ना चाहते हैं तो इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मोनूमेंट्स एंड साइट्स के फोटोबैंक्स में अपनी फोटो भी शेयर कर सकते हैं। 

अगर इतिहास की अच्छी जानकारी तो आप विश्व धरोहरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आप अपने दोस्तों और परिवार को इस दिन की महत्ता बताते हुए आप वेबिनार का आयोजन कर सकते हैं। 


अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आपका ,सहृदय धन्यवाद !!!

💬 सहयोग: नबीला शागुफ़ी 

नोट:  प्रिय पाठकों, आपसे विनम्र निवेदन है यदि आपको इस लेख में कही भी , कोई भी त्रुटि नजर आती है या आप कुछ सुझाव देना चाहते है, तो कृपया नीचे दिए गए टिप्पणी स्थान ( Comment Box) में अपने विचार व्यक्त कर सकते है, हम अतिशीघ्र उस पर उचित कदम उठायेंगे । 

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