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Colour Therapy: आइये जानते हैं कि कलर थेरेपी क्या होती है?

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कलर थेरेपी: यूं भी होता है, रंगों का इस्तेमाल

आइये जानते हैं कि कलर थेरेपी क्या होती है?
Colour Therapy

रंग हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है। बचपन में ही हम रंगों से रूबरू हो जाते हैं। नए-नए चित्र बनाकर उनमें रंग भरने से लेकर, अपनी पसंद के कलर के ही कपड़े लेना जैसी कई तरह की चीजें हैं, जिनके जरिए हम अपने जीवन में रंगों का महत्त्व समझ सकते हैं। 

रंगों के बिना जीवन की कल्पना करनी ही नामुमकिन है। रंग हमारे जीवन को खूबसूरत बनाते हैं। रंग हर चीज की एक पहचान कायम करने में मदद करते हैं।

रंगों का इस्तेमाल अपने भावनाओं को जाहिर करने के लिए भी किया जाता है जैसे लाल रंग को हया का रंग कहा जाता है तो वहीं आक्रमकता दिखाने के लिए भी इस रंग का इस्तेमाल किया जाता है। 

हमारे जीवन में रंग भरने से लेकर हमारे सेहत के खजाने की चाभी भी इन रंगों में छुपी हुई है। आपने वॉटर थेरेपी और म्यूजिक थेरेपी के बारे में सुना होगा पर क्या आपने कभी कलर थेरेपी के बारे में सुना है ? रंगों का एक और इस्तेमाल है, जिसका इस्तेमाल आप अपनी सेहत को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं। 

कलर थेरेपी से इंसान का मन शांत रहता है। इस थेरेपी से शारीरिक और मानसिक समस्याओं को ठीक किया जाता है, इसके लिए अलग-अलग रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। आइए जानते हैं,


💥कलर थेरेपी के बारे में और उसके फायदे के बारे में, 



कलर थेरेपी को क्रोमोपैथी, क्रोमोथेरेपी और कलर थेरेपी के नाम से जानते हैं। इस थेरेपी के जरिए किसी रंग को शरीर के प्रभावित हिस्से पर पहुंचाया जाता है तो वहीं एक तरीके में आंखों के जरिए उस कलर को लगातार देखा जाता है।

ये काफी सावधानीपूर्वक किया जाता है ताकि किसी भी रंग की तरफ देखते हुए आंखों को किसी तरह की तकलीफ ना पहुंचे।

डॉक्टर के अनुसार इस थेरेपी में इंसान के शारीरिक और मानसिक संतुलन को ठीक किया जाता है। अगर कोई किसी वजह से स्ट्रेस फील करता हो, उसके स्ट्रेस को कम करने में ये थेरेपी काफी सहायक होती है। 


शरीर के अलग-अलग चक्रों को प्रभावित करते हैं, ये कलर:

हमारे शरीर में अलग-अलग चक्र होते हैं। कलर थेरेपी में इस्तेमाल होने वाले अलग-अलग रंग शरीर के अलग-अलग चक्र को प्रभावित करते हैं। इन खास चक्रों को एनर्जी का सेंटर माना जाता है। इन खास चक्रों पर कलर थेरेपी के जरिए उन तक एनर्जी पहुंचाई जाती है, जिससे शरीर को राहत मिलती है। 


हर रंग की एक भूमिका है, कलर थेरेपी में:

कलर थेरेपी में कुछ खास रंगों का ही इस्तेमाल किया जाता है। इस थेरेपी में में हर रंग का एक अलग ही महत्त्व होता है। इस थेरेपी से इंसान के मन के अंदर शांति की भावना पैदा की जाती है। इसके साथ ही यह शरीर में एनर्जी पैदा करने में सहायक मानी जाती है। 


लाल रंग:
नारंगी रंग की तुलना में लाल और भी उत्तेजक माना जाता है। यह आजादी और खुद के वजूद जैसे भावनात्मक मुद्दों को प्रभावित करता है। इसका उपयोग शारीरिक उपचार केल लिए किया जाता है, क्योंकि इसके भावनात्मक प्रभाव चरम पर हो सकते हैं। 

कलर थेरेपी में लाल रंग का इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जाता है, जिनकी मानसिक स्थिति काफी गंभीर होती है। ये थेरेपी लाल रंग ब्लड सेल्स का निर्माण करता है। 

पीला कलर:
इस थेरेपी में पीला कलर बुद्धि और समझ बढाने का काम करता है। यह रंग आपको खुश महसूस करा सकता है। यह आपकी बुद्धि और विवेक को सामने ला सकता है। इसमें हल्के पीले रंग का ही इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि डार्क पीला रंग विश्वासघात, क्रूरता और छल के साथ जुड़ा हुआ है। 

सफेद रंग:
अगर किसी की रूचि किसी भी तरह के रंग में ना हो तो वे इस थेरैपी के लिए केवल सफेद रंग का चुनाव कर सकते हैं। सफेद रंग किसी भी तरह के रोग को जल्दी ठीक करने में मदद करता है। सफेद रंग निगेटिव सोच को भी दूर रखने में मदद करता है। 

नीला रंग:
कलर थेरेपी में नीला रंग का इस्तेमाल काफी सोच-समझ कर किया जाता है, क्योंकि ये रंग ठंडा माना जाता है, जो शरीर की ऊर्जा को शांत कर सकता है। नीला रंग भावनाओं को व्यक्त करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।


इस रंग का उपयोग मन को शांत और आराम देने के लिए किया जाता है। कलर थेरेपी में नीले रंग का इस्तेमाल पित्त और बुखार आदि समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। 

बैंगनी रंग:
बैंगनी रंग को ज्ञान से जोड़कर देखा जाता है। माना जाता है कि बैंगनी रंग ज्ञान बढ़ाता है। बैंगनी सुंदरता और आध्यमिकता से भी जोड़ कर देखा जाता है।कलर थेरेपी में इस कलर का उपयोग अक्सर माथे और गर्दन पर किया जाता है ताकि वे शांत रहें और विश्राम की भावनाओं को समझ सकें।  

नारंगी रंग:
यह व्यक्ति की यौन ऊर्जा को बढ़ाता है। इस रंग का इस्तेमाल त्वचा की चमक बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। इस रंग को साहस और एनर्जी देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

हरा रंग:
हरा रंग दिल को बीमारियों से दूर रखता है। ये रंग ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है, साथ ही हरा रंग शरीर का तापमान बनाए रखने में मदद करता है और सिरदर्द जैसी समस्याओं में भी राहत दिला सकता है।  

इंडिगो रंग:
इस रंग को सेहत के लिहाज से काफी अच्छा माना जाता है। ये रंग आंख और नाक के रोगों के उपचार करने में कारगर सिद्ध होता है। इसके अलावा इस रंग से मानसिक समस्याओं को दूर करने में भी मदद मिलती है। 


अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आपका ,सहृदय धन्यवाद !!!

💬 सहयोग: नबीला शागुफ़ी 

नोट:  प्रिय पाठकों, आपसे विनम्र निवेदन है यदि आपको इस लेख में कही भी , कोई भी त्रुटि नजर आती है या आप कुछ सुझाव देना चाहते है, तो कृपया नीचे दिए गए टिप्पणी स्थान ( Comment Box) में अपने विचार व्यक्त कर सकते है, हम अतिशीघ्र उस पर उचित कदम उठायेंगे । 

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