जानें, दुनिया के अजब-गजब त्योहार:
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Festival in the World |
वैसे तो हम सभी कुछ-कुछ नये त्योहारों के स्वागत में हमेशा ही खड़े रहते है किन्तु क्या आपको पता है कि दुनिया में बहुत से अजब-गजब के त्यौहार भी मनाएं जाते है और जिन्हें लोग काफी पसन्द भी करते हैं, आज के इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही बातों के माध्यम से आपको जानकारी देंगे|
बेबी जंपिंग फेस्टिवल:
नाम से आपको कंफ्यूज होने की जरूरत नहीं है। इस दिन बच्चे नहीं उछलते बल्कि इस दिन बड़े बच्चों के ऊपर से उछल कर पार करते हैं। ये अजीबोगरीब त्योहार कहीं और नहीं बल्कि हमेशा से अनोखे त्योहारों के लिए मशहूर देश स्पेन है।
स्थानीय भाषा में इस त्योहार को एल कोलाचो के नाम से जाना जाता है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेबी जंपिंग फेस्टिवल के रूप में जाना जाता है।
इस फेस्टिवल में नवजात जन्मे बच्चों की माएं उन्हें जमीन पर सुला देती हैं। इस दिन कुछ पुरूष शैतान का रूप धारण करते हैं और पीले रंग के कपड़े पहनते हैं। बच्चों को गुलाब के पंखुड़ियों के बीच सुलाया जाता है। बच्चों को दो पंक्तियों में रखा जाता है जिसके ऊपर से शैतान बने पुरूष छलांग लगाते हैं।
माना जाता है कि नवजात बच्चों के साथ ऐसा करके उन्हें शैतानी ताकतों से बचाया जाता है। जो बच्चे इस प्रक्रिया को नहीं करते उन्हें माना जाता है कि वे जिंदगी भर शैतान के साए में ही रहेंगे। यह त्योहार यहां 17वीं शताब्दी से ही मनाया जा रहा है।
फेस्टिवल के अंत में बच्चों को बिस्तर से उठा लिया जाता है और एक परेड निकाली जाती है। ये परेड कैस्ट्रिलो की सड़कों से होती हुई पहाड़ी पर स्थित टाउन चर्च तक होती है। और आखिर में एक पार्टी के आयोजन के साथ इस त्योहार का समापन होता है।
वैजीटेरियन फेस्टिवल
सुनने में ये फेस्टिवल जितना आसान लग रहा है असल में उतना आसान होता नहीं है। अपने नाम के बिल्कुल उलट ये त्योहार बहुत ही खतरनाक है। इस दिन नौ देवताओं के लिए खुद की आहुति दी जाती है, जिसमें 9 दिनों के लिए संयम रखने का अभ्यास करते हैं।
ये त्योहार भारत में होने वाले नौरात्रि की तरह ही होता है। इस दिन शुद्धिकरण के उद्देश्य से मांसाहर खाने पर पाबंदी है। इसके साथ ही अपने शरीर के अंगों में भाले, चाकू या किसी मेटल की रॉड से छेद करते हैं।
इन नौ दिनों में सफेद कपड़े पहनने पर जोर दिया जाता है। शराब नहीं पी जाती, या नशे के उद्देश्य के किसी भी तरह का ड्रग नहीं लिया जाता, सेक्स से परहेज किया जाता है। इस त्योहार का एक नियम ये भी है कि गर्भवती महिलाएं या जो महिलाओं अपने पीरियड्स में हैं वो किसी तरह के पूजा-पाठ में शामिल नहीं हो सकतीं।
ये त्योहार थाइलैंड के फुकेत में मनाया जाता है। इस त्योहार के मनाने के पीछे का इतिहास ये है कि 18वीं सदी में फुकेत चीन के लिए व्यापार का हब हुआ करता था।
बड़ी तादाद में लोग चीन से थाइलैंड व्यापार के सिलसिले में आया करते थे। 1825 में मशहूर चीनी ओपेरा यहां के लोगों का मनोरंजन का मुख्य हिस्सा हुआ करता था। उसी समय वहां मलेरिया फैल गया।
बड़ी तादाद में लोग चीन से थाइलैंड व्यापार के सिलसिले में आया करते थे। 1825 में मशहूर चीनी ओपेरा यहां के लोगों का मनोरंजन का मुख्य हिस्सा हुआ करता था। उसी समय वहां मलेरिया फैल गया।
फुकेत की जनता और ओपेरा के कई कलाकार बीमारी की चपेट में आ गए। ओपेरा ने वहां के लोगों को वेजीटेरियन खाने की सलाह दी और साथ ही साथ चीन क नौ देवताओं का त्योहार मनाने का आदेश भी दिया गया।
तब से फुकेत के लोग हर साल इस वेजीटेरियन फेस्टिवल के तौर पर मनाते हैं। वेजीटेरियन फेस्टिवल ताओवादी परंपरा पर आधारित है, जिसमें सामंजस्यपूर्ण जिंदगी जीने पर महत्त्व दिया जाता है।
बोलस दे फुएंगो:
एल सल्वाडोर में मनाया जाने वाला ये फेस्टिवल काफी खतरनाक है। नेजला के एक छोटे से शहर में लोग एक जगह इकट्ठे हो जाते हैं और एक-दूसरे के ऊपर आग के गोले फेंकते हैं। हालांकि ये फेस्टिवल मनाने के लिए सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं।
फायरबॉल वाला ये त्योहार 1922 में फटे ज्वालामुखी की याद दिलाने के लिए मनाया जाता है। वहीं एक मिथक के अनुसार यहां के संरक्षक सैन जेरोनिमो और एक डेविल के बीच की लड़ाई थी। अच्छे और बुरे की बीच की लड़ाई को याद करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है।
हदाका मत्सूरी:
ये परेड जापान के ओकायामा में सैदाईजी मंदिर के पास निकाली जाती है। इस फेस्टिवल में लोग आधे कपड़ों में होते हैं। उनके शरीर पर कपड़ों के नाम पर बस एक टुकड़ा होता है, जिसे फंडोशी के नाम से जाना जाता है। इसके साथ ही सफेद मोजे पहने जाते हैं, जिसे टैबी कहा जाता है।
करीब दस हजार लोग इस दिन फंडोशी पहनकर इस परेड में शामिल होते हैं। परेड के दौरान लोग संतों के द्वारा फेंके गए तावीज को पाने की कोशिश करते हैं। सभी पुरूष अपने साथ कागज में नाम, पता, ब्लड ग्रुप और फोन नंबर लेकर आते हैं।
ये त्योहार अच्छी फसल और तरक्की के लिए मनाया जाता है। ये त्योहार केवल पुरूषों के लिए होता है। त्योहार के अंत में प्रार्थना करने के बाद तालाब में नहा कर खत्म होता है।
कैट फूड फेस्टिवल:
ना, ना आपको नाम से बिल्कुल कंफ्यूज होने की जरूरत नहीं है, ये फेस्टिवल ना तो बिल्लियों के लिए आयोजित किया जाता है और ना ही किसी खास बिल्ली को ये समारोह समर्पित होता है बल्कि इस फेस्टिवल नें बिल्लियों को खाने की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
पेरू में मनाए जाने वाले इस त्योहार को मनाने के पीछे यहां के लोगों का मानना है कि बिल्लियों का मांस स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है इसलिए इस दिन बिल्लियों को खाने की परंपरा है। ये फेस्टिवल दक्षिणी लीमा, पेरू में मनाया जाता है।
अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आपका ,सहृदय धन्यवाद !!!
💬 सहयोग: नबीला शागुफ़ी
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