क्यों जरूरी हैं, रेड क्रॉस जैसी संस्था ?
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World Red Cross Day |
एक वक्त था जब युद्ध में घायल हुए सैनिकों को उनके हाल पर मरने के लिए छोड़ दिया जाता था। युद्ध में घायल या विकलांग हो गए सैनिकों को तड़पने के लिए छोड़ दिया जाता था। सैनिकों की यही दुर्दशा देखकर ही एक संस्था बनाई गई, जिसे हम रेड क्रॉस सोसायटी के नाम से जानते हैं।
रेड क्रॉस डे हर साल 8 मई को मनाया जाता है। जीन हेनरी ड्यूनेंट के जन्मदिन के अवसर पर ये दिन मनाया जाता है। जीन हेनरी ड्यूनेंट इंटरनेशनल रेड क्रॉस सोसायटी के संस्थापक थे।
रेड क्रॉस एक ऐसी गैर-सरकारी संस्था है, जो पूरी दुनिया के लोगों की मदद करने को तैयार रहती है। दुनिया के किसी भी कोने में जरूरतमंदों की मदद करना ही इस संस्था का उद्देश्य है। हेनरी ड्यनेंट ने 1863 में स्विटजरलैंड के जेनेवा में पांच लोगों की कमिटी बनाकर इस संस्था की नींव रखी थी।
शुरूआत में इस संस्था का नाम ‘इंटरनेशनल कमिटी फॉर रिलीफ टू द वाउंडेड’ रखा गया था, जिसे बाद में बदल दिया गया। वर्तमान में इसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के जिनेवा में है। इस संस्था ने पहले और दूसरे वर्ल्ड वॉर में घायल सैनिकों के उपचार, उनकी देखरेख कर एक अहम भूमिका निभाई थी। तब से आज तक ये संस्था दुनिया भर के लोगों की सेवा में लगी हुई है।
रेड क्रॉस या रेड क्रिसेंट?
रेड क्रॉस डे को रेड क्रिसेंट डे के नाम से भी जानते हैं। रेड क्रॉस डे की शुरूआत फर्स्ट वर्ल्ड वॉर के बाद 14वें इंटरनेशनल कांफ्रेंस में की गई थी। इसकी शुरूआत इंटरनेशनल कमीशन ने की थी। रेड क्रॉस के सिद्धांतों को मान्यता 15वें इंटरनेशनल कांफ्रेंस में साल 1934 में मिली, जिसके बाद पूरी दुनिया भर में लागू किया गया।
इस दिन को मनाने का उद्देश्य इंटरनेशनल रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट जैसे मूवमेंट को बढ़ावा देना है और खुशी मनाना है। वर्ल्ड रेड क्रॉस डे इंटरनेशनल रेड क्रॉस सोसायटी के वॉलंटियर और उनके काम को समर्पित होता है।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ द रेड क्रॉस सोसायटी ने लीग ऑफ द रेड क्रॉस सोसायटीज से हर साल इसे मनाए जाने की मांग की। इसके 2 साल बाद वर्ल्ड रेड क्रॉस डे मनाने की शुरूआत हुई। 8 मई 1948 को पहला रेड क्रॉस डे मनाया गया था। साल 1984 में आधिकारिक रूप से इसका नाम वर्ल्ड रेड क्रॉस डे और रेड क्रेसेंट डे रखा गया।
💥हर साल एक नए थीम के साथ मनाया जाता है,रेड क्रॉस डे:
भारत में इसकी स्थापाना 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के तहत की गई। दुनिया के लगभग 210 देश रेड क्रॉस सोसायटी से जुड़े हुए हैं। रेड क्रॉस सोसायटी के कुछ सिद्धांत हैं, जिनका पालन किया जाता है। ये सिद्धांत मानवता, स्वतंत्रता, निष्पक्षता, तटस्थता, एकता आदि हैं।
आपदा या युद्ध में फंसे लोगों की मदद करना, उन्हें बाहर निकालना और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों की मदद करना है। यह दिन हर साल एक नए थीम के साथ मनाया जाता है, ताकि लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा सके।
इस दिन पूरी दुनिया में कई ऐसे प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लोगों की मदद की जाती है। इस साल रेड क्रॉस डे का थीम #love है। इस थीम के अंतर्गत इस साल इस बात पर ध्यान दिया जाएगा कि लोगों को रेड क्रॉस और रेड क्रेसेंट के बारे में सबसे ज्यादा क्या पसंद है ?
रेड क्रॉस चिन्ह का गलत इस्तेमाल किया तो हो सकता है, जुर्माना:
इस संस्था का निशान सफेद पट्टी पर लाल रंग का क्रॉस का निशान है। रेड क्रॉस चिन्ह का गलत इस्तेमाल करने पर 500 रूपए तक का जुर्माना या उसकी संपत्ति जब्त की जा सकती है।
रेड क्रॉस के चिन्ह के दुरूपयोग से इसलिए रोका जाता है, ताकि आपात स्थिति में इसका सही इस्तेमाल किया जा सके। आपात स्थिति में एबुलेंस और उनके वॉलंटियर्स द्वारा इस चिन्ह का इस्तेमाल करते देख लोगों तक एक उम्मीद पहुचं सके।
आपात स्थिति से हट कर भी सेवा करता है, ये संस्था:
युद्ध और आपातकालीन स्थिति के इतर भी इस संस्था द्वारा मानवता की सेवा की जाती है। जरूरत पड़ने पर गांवों और शहरों में एंबुलेंस सेवाएं और दवाइयां पहुंचाने का काम इस संस्था द्वारा किया जाता है।
संस्था द्वारा समय-समय पर ब्लड डोनेशन कैंप का भी आयोजन किया जाता है और लोगों को ब्लड डोनेशन के बारे में जागरूक किया जाता है। यह संस्था लोगों को अलग-अलग तरह की बीमारियों से बचने के बारे में भी जागरूकता फैलाती रहती है।
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💬 सहयोग: नबीला शागुफ़ी
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